वे मैं सदके ललारीया जावा चुनी नु रंग देन वालिया
जींद तेरे चरना विच लावा चुनी नु रंग देन वालिया
जिनहा राह मेरा आया ललारी
उन्हा राह तो मैं सदके वारी
वे मैं रस्ते च पलका बिछावा चुनी नु रंग देन वालिया
वे मैं सदके.........
एह ललारी मेरा सब तो निराला
ज्ञान दा रंग चडावन वाला
वे मैं तन मन अपना रंगावा चुनी नु रंग देन वालिया
वे मैं सदके........
ऐसी चुनी मेरे हरि ने रंगाई
तार तार विच होयी रोसनाई
वे मैं रिझा दे नाल हटावा चुनी नु रंग देन वालिया
वे मैं सदके........