ना मांगू हीरे मोती न शाही ठाठ रे,
मैं तो बस मांगू बाबा इक तेरा साथ रे,
साथ तुम्हारा मांगू बाबा पुतली आंख के जैसा,
क्यों तुमसे समभंद हमारा बदली चाँद के जैसा,
जैसे रहते है संग संग दिन और रात रे,
ऐसे ही मांगू बाबा मैं तेरा साथ रे,
मेरा साथ निभाना बाबा मछली नीर के जैसा,
हो तुम से सम्बंद हमारा तरकश तीर के जैसा,
बाबा जैसा रहते है संग संग बिजली बरसात रे,
ऐसे ही मांगू बाबा मैं तेरा साथ रे,
साथ तुम्हरा मांगू बाबा माखन दूध के जैसा,
हो तुम से संबंद हमारा तितली फूल के जैसा,
झोली फैला के अनाड़ी करता फर्याद रे,
सारी उम्र को मांगू मैं तेरा साथ रे,
ऐसे ही मांगू बाबा मैं तेरा साथ रे,