रस बरसे रसीली चितवन में

रस बरसे रसीली चितवन में,

घुंगट है हस्त मतवाले,
मन उठ क्यों वा की चितवन में,
रस बरसे रसीली चितवन में

मोहन पे हस हस रंग डारे ,
भूल रही है तन मन में,
रस बरसे रसीली चितवन में

नागरी दास फाग मद माथो,
नाचत रसियां आँगन में ,
रस बरसे रसीली चितवन में
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