जो मिट गए मेरे देश पे

तू उनको दिल में वसा ले सरकार संवारे,
जो मिट गये मेरे देश पे दिलदार संवारे,

जब वो सरहद पे होते हम हस्ते है महफ़िल पे वो तन्हाई में रोते,
तू महफ़िल उनकी सजा दे बन के यार संवारे,
जो मिट गए मेरे देश पे

गर्मी का हो जाए मोसम या पड़े कड़क सी सर्दी,
सीना रहे इतना सा रक्शा की पहन के वर्दी,
तू उनकी रक्षा करना बन के ढाल संवारे,
जो मिट गए मेरे देश पे

सरहद पर जब वो जाते घरवाले अनसु छुपाते,
बाबा जल्दी आयेगे,बच्चो को यही बताते,
तू पिता सा उनका बन जा पालनहार संवारे,
जो मिट गए मेरे देश पे

बस मात्र भूमि की पूजा को अपना धर्म है माना,
क्या हिन्दू हो या मुस्लिम कुछ भी न उस ने जाना,
विपिन तू उनका बन जा गलहार संवारे,
जो मिट गए मेरे देश पे  
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