हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे,
एक तू ही तो है मेरा सांवरे,
तेरे होते क्यों आँखों में आंसू मेरे,
ये तो अच्छी नहीं बेरुखी सांवरे,
हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे.....
तुझको अपना है साथी माना सदा,
मेरे दुःख की घड़ी में कहाँ तू बता,
ये बता दे हुई क्या है मुझसे खता,
क्या नहीं हूँ मैं दास के काबिल बता,
तू सुनेगा नहीं तो कहाँ जाऊँगा,
तेरी चौखट पे रो रो के मर जाऊँगा,
हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे.....
एक तू ही तो जग में सहारा मेरा,
है भरोसे पे तेरे ये जीवन मेरा,
ऐसे कब तक सताओगे ओ सांवरे,
ठोकरें खा के आया हूँ दर सांवरे,
अपने प्रेमी पे इतना सितम क्यों करे,
ये बता दे मुझे ओ मेरे सांवरे,
हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे.....
तेरी रेहमत का दरिया है बहता सदा,
मैं रहूँगा यूँ प्यासा कब तक बता,
अब तो आँखों के आंसू भी सूखे मेरे,
हार जाऊं ना जीवन मेरे सांवरे,
तेरे रही को तुझपे भरोसा बड़ा,
तेरे राही को तुझपे भरोसा बड़ा,
हार हो ना सके जब संग तू खड़ा,
हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे.....