रज रज करिये दीदार माँ चिंतापुरनी दे

हथा विच झंडे फड़ के किने सोहने जचदे,
मैया दे भगत आके नच दे न थकदे,
मैया लगाया है विच दरबार माँ चिंतापुरनी दे,
रज रज करिये दीदार माँ चिंतापुरनी दे,

दुरो दुरो चल के द्वारे वेखो माँ दे आज आइया संगता,
नारियल भेटा चुनी दर ते चढाऊँ ले ाइयाँ संगता,
हुंडी हर पासे जय जय कार माँ चिंता पुरनी दे,
रज रज करिये दीदार माँ चिंतापुरनी दे,

बसा ते टरका कई सिक्ला ते आनदे ने चढ़ाइयाँ चढ़ के,
भागा वाले हुन्दे जेहड़े चरना च बैठ हज़ारियाँ भर दे,
सोहने उचे उचे लगदे पहाड़ माँ चिंता पुरनी दे,
रज रज करिये दीदार माँ चिंतापुरनी दे,

कुलियाँ दा कहंदा बलवीर माँ ने सिर उते हाथ धरया,
हर वेले रेह्न्दा रंगीले नु भी नाम दा सरूर चढ़या,
ओहदे रेहमता दे खुले ने भण्डार माँ चिंता पुरनी दे,
रज रज करिये दीदार माँ चिंतापुरनी दे,

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