काली मत न देर लगाइये,
माँ झूम ज्योत पे आइये......
माँ लगा ज्योत पे के डारी,
मने धर दिया पान और पेंडारी,
माँ रज रज भोग लगाइये,
माँ झूम ज्योत पे आइये....
माँ कर के खर की सवारी री,
माँ गुंजन दे किलकारी री,
मने एक बे दरस दिखाइये,
माँ झूम ज्योत पे आइये....
तेरा मरघट भी पुजवा दूँगा,
सारा सिणगार धरा दूंगा,
मने खड़ी ज्योत पर पाइये,
माँ झूम ज्योत पे आइये....
या शाली मात थाने ध्यावे,
मोहित पांचाली गुण गावे,
धरम के कष्ट मिटाइये,
माँ झूम ज्योत पे आइये......