आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,
राम के आज्ञाकार बाला जी आओ कीर्तन में,
आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,
ज्योत जगाये तुम्हे मनाये सवा मणि का भोग लगाये,
आके दो दीदार, बाला जी आओ कीर्तन में,
आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,
कोलटवाल भैरव को लाना,
प्रेत राज को भी भूल ना जाना,
करदो सभी का उदार बाला जी आओ कीर्तन में,
आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,
तेरे नाम की फेरी है माला,
आके करदो घट में उजाला,
और दूर करो अध्यिकार,
बाला जी आओ कीर्तन में,
आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,