मेरी भी अरज सुनलो बनवारी,
दर तेरे आई एक दुखियारी,
मेरी भी अरज सुनलो बनवारी....
आस लगाए तेरे दर पे हूँ आई,
मेरी सुध लेने आओ कृष्ण कन्हाई,
देर क्यों लगाईं प्रभु तुम मेरी बारी,
मेरी भी अरज सुनलो बनवारी....
तुमने ना प्रभु कुछ अंतर कीना,
जिसने जो माँगा तुमने वही दे दीना,
तुम हो जगत के पालनहारी,
मेरी भी अरज सुनलो बनवारी.....
तुम हो हो प्रभु भाग्य विधाता,
तुमसे नहीं है प्रभु कोई जग दाता,
चरणों में तेरे जाएँ बलिहारी,
मेरी भी अरज सुनलो बनवारी....