नी मैं अख सा बीच बाजार नी सवाल सा मेरा यार नी,
दर दर भटका इक दी मारी झूठी नैया मेरी यारी,
मेरा इक नहीं लाचार नहीं सवाल सा मेरा यार नहीं,
नी मैं आँख सा बीच बाजार नी सवाल सा मेरा यार नी,
माने गीता में श्याम गवाया रूस गया मोहन फेर ना आया,
नी मैं रोनी आ हज़ारो हज़ार नी,सवाल सा मेरा यार नहीं,
नी मैं आँख सा बीच बाजार नी सवाल सा मेरा यार नी,
आज आमल हद कोलो बढ़ के ज़िंदगी मेरी श्याम कोलो सद के,
नी मैं तन मन दे सा वार नी सवाल सा मेरा यार नहीं,
नी मैं आँख सा बीच बाजार नी सवाल सा मेरा यार नी,
मुंडलहासा श्याम दे कोलो पर्दा धरी किस दे कोलो,
भावे लोकि सूटन मार नी सवाल सा मेरा यार नहीं,
नी मैं आँख सा बीच बाजार नी सवाल सा मेरा यार नी,