हमारे घर कीर्तन है बाबा तुम्हे आना है

हमारे घर कीर्तन है बाबा तुम्हे आना है,
दीवाने भगतो को दर्श दिखाना है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
सेवा और पूजा से थोड़ी अनजान है,
हमारे घर कीर्तन है बाबा तुम्हे आना है,

हीरे मोती न सोने के हार है,
प्रेम भाव से किया तेरा शृंगार है,
बिछाये पलको को करे इन्तजार तेरा,

सारी दुनिया झूठी प्रीत निभाती है,
पागल कह के हंसी मेरी ये उड़ाती है,
ये सारी दुनिया को तुझे ही समझाना है,

जैसे हम से सेवा बानी स्वीकार करो,
कहे मोहित हम भगतो पे उपकार करो,
जो रुखा सूखा है वो भोग लगाना है,

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