ऐ साँसों के मालिक मेरे श्याम बाबा
तेरे ही भरोसे जिए जा रहा हूँ
तू ग़म दे दे मुझको या खुशियां तू दे दे
मैं तुझपे भरोसा किये जा रहा हूँ
ऐ साँसों के मालिक............
बेरंग दुनिया के रंग हैं अनूठे
दुःख देके देखो हाय खुशिया ये लुटे
तुझपे भरोसा किया मेरे मालिक
तेरे ही भरोसे चला जा रहा हूँ
ऐ साँसों के मालिक............
झूठी है दुनिया का चलन अनोखा
पग पग पे मिलता है धोखा ही धोखा
तू हारे का साथी कहाया है जग में
मैं भी हारकर तेरे दर आ गया हूँ
ऐ साँसों के मालिक............
साँसों का क्या है ये आएं या जाएँ
मेरी सांस मोहन तो गुण तेरे गायें
हो साँसों की माला पे सुमिरन अब तेरा
तेरे ही भजन मैं तो जाता रहूँगा
ऐ साँसों के मालिक............
बाबा विनीता तो गुण तेरे गाये
पल पल ऐ मोहन वो तुझको रिझाये
तेरे नाम से मेरे घर में खुशियां
तेरी ही कृपा का दिया खा रहा हूँ
ऐ साँसों के मालिक............