जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,
उन्ही के दर पे इक दीपक जलाने आ गए हम भी,
ये दशकों से तमाना थी तेरा दीदार हो जाए,
तो फिर इस बार अपना दुःख सुनाने आ गए हम भी,
जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,
मेवा मिश्री माखन का केक श्याम बाबा लाये है,
बटेगा केक भगतो में जो खाने आ गए हम भी,
जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,
मुझे मालुम है दुनिया की बिगड़ी तू बनाता है,
तेरे दरबार में ये सिर जुकाने आ गये हम भी,
जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,
तुम्हारे भोग की खातिर नहीं देविंदर है कुछ भी,
अनुज कुछ फूल श्रद्धा के चढ़ाने आ गये हम भी ,
जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,
सुगन दित खुशबु फैली है जन्म दिन श्याम हरी मेरे,
नगर गलियों को गुलशन सा सजाने आ गये हम भी,
जन्मदिन खाटू वाले का मनाने आ गए हम भी,