हो सके तो अगर, श्याम मेरे,
जो हुआ सो हुआ, भूल जाओ,
माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,
श्याम अपने गले से लगाओ।
एक आवाज़ भीतर से आए,
जो किया वो सही ना किया है,
ना समझ था ना समझा इशारा,
तूने हर बार मुझे दिया है,
ना मैं दूंगा शिकायत का मौका,
लो शरण तुम चरण में बिठाओ,
माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,
श्याम अपने गले से लगाओ।
मेरा कोई नहीं बिन तुम्हारे,
छोड़ देना नहीं मेरी बाँहें,
मेरा कोई नहीं बिन तुम्हारे,
छोड़ देना नहीं मेरी बाँहें,
जाने अनजाने में चल पड़ा था,
अब ना देखूंगा, मुड के वो राहें,
मैं चलूँगा उन्ही रास्तों पे,
हाथ थामे जिधर तुम चलाओगे,
माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,
श्याम अपने गले से लगाओ।
वक़्त बीता बदल ना सकूंगा,
जो बचा है उसे तुम सभालो,
वक़्त बीता बदल ना सकूंगा,
जो बचा है उसे तुम सभालो,
मैं भँवर में कहीं खो जाऊँगा,
नांव लहरों से मेरी बचा लो,
काची माटी सचिन की है बाबा,
ढाल साँचें में जैसा बनाओ,
माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,
श्याम अपने गले से लगाओ।
हो सके तो अगर, श्याम मेरे,
जो हुआ सो हुआ, भूल जाओ,
माफ़ कर दो मेरी गलतियों को,
श्याम अपने गले से लगाओ।