श्याम तेरे ही भरोसे,
मेरा परिवार है,
बेसहारो का सहारा,
तेरा दरबार,
श्याम तेरे ही भरोसे,
मेरा परिवार है।
तेरी है शान निराली,
खाली ना जाए सवाली,
जब भी है माँगा तुमसे,
भर दी है झोली खाली,
जो ना होता कभी खाली,
ये वो भण्डार है,
बेसहारो का सहारा,
तेरा दरबार,
श्याम तेरे ही भरोसे,
मेरा परिवार है।
तू मालिक दो जहाँ का,
धरती और आसमां का,
के सारा जग है दीवाना,
तेरी एक आस्था का,
अब तो तेरे ही हवाले,
मेरा घरबार है,
बेसहारो का सहारा,
तेरा दरबार,
श्याम तेरे ही भरोसे,
मेरा परिवार है।
दर बदर ठोकर खाकर,
आया दरबार तेरे,
कहीं ना जाऊँगा मैं,
ए पालनहार मेरे,
तू ही दुनियाँ बाबा मेरी,
तू ही संसार है,
बेसहारो का सहारा,
तेरा दरबार,
श्याम तेरे ही भरोसे,
मेरा परिवार है......