छोड़ना जग पड़ेगा तुझे हर हाल में,
अपने मन को लगा ले लड्डू गोपाल में,
छोड़ना जग पड़ेगा तुझे हर हाल में
तुझे जो कुछ मिला सब प्रभु ने दियां,
तूने फिर भी भजन क्यों हरी का कियाँ,
बिन भजन तू फसेगा रे भव जाल में,
अपने मन को लगा ले लड्डू गोपाल में,
बंदे जिनको समझता है अपना सखा,
वक़्त आने पे ही अपने भी देंगे दगा,
नाम आधार है प्रभु का कली काल में,
अपने मन को लगा ले लड्डू गोपाल में,
जो भी आया यह पे सब को जाना पड़ा,
काल रुपी ग्रह सब के पीछे पड़ा,
डूभ जा रे मधुर श्याम के ख्याल में,
अपने मन को लगा ले लड्डू गोपाल में,