श्याम की कोई खबर लाता नही,
श्याम बिन हमसे जिया जाता नही,
मन मेरा कहता की मैं मश्ली बनू,
यमुना के जल बिन रहा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
मन तो कहता है की मैं मुरली बनू,
मथुरा तक मुझसे उठा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
मन तो करता है श्याम से मैं लडू
बना कारण के लड़ा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
मन तो कहता है के मैं पा की लिखू
बिन श्याई के लिखा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
मन तो कहता है श्याम दर पे नाचू ,
बिन पागल और पैर नचा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
मन तो कहता है श्याम दर पे मरु,
बिना कारण के मरा जता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,
दिल निराले भये क्या करू,
कान्हा बिन ब्रिज में रहा जाता नही,
श्याम की कोई खबर लाता नही,