हम तो बने तुम्हारे राधारमण ।
अब तौ मर्ज़ी रही तुम्हारी, बनो ना बनो हमारे ।।
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
जाति पाति कुल धर्म धाम धन
सब कुछ तुम पर वारे
जैसा चाहे नाच नचा लो
सब प्रकार है हारे...।।
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
छोड गये सब स्वारथ साथी
अपनी राह सिधारे ssss
दीन अधीन मलीन हीन के
अब हो तुम्हीं सहारे ...।।
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
भजन गायक - हर्ष शर्मा ( वृन्दावन )
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