गजानना श्री गणराया

दुःख मिट जाते है दर जब तेरे आते है,
सब का मंगल हो जो दर्शन तेरे पाते है,
भगये विद्याता तू ही गणेशा तू है मंगल कारी,
लंगड़े को पाँव मिल जाए जब होती किरपा तुम्हारी,
गजानना श्री गणराया आधी बंधू तुझ मोरेया,

भीड़ है भारी दर पे भिखारी मांग रहा तुझसे खुशियां,
दर्श दिखा फिर किरपा करदे देखि है तेरी दुनिया,
तेरी शरण में आये है श्रद्धा के दीप जलाये है,
भगये विद्याता तू ही गणेशा तू है मंगल कारी,

खुशियों का जो दौर गया फिर लौट कभी न आया है,
दर दर भटका याहा वहा मुझको सब ने ठुकराया है,
तू ही पार लगा नैया अटकी भव सागर में नैया,
भगये विद्याता तू ही गणेशा तू है मंगल कारी,

श्रेणी
download bhajan lyrics (958 downloads)