जय जय देव गणेश,
शंकर सुवन पार्वती नंदन,
स्वीकारो प्रभु करुणा वंदन,
भक्त तुम्हारे द्वार पे आया,
मन में करो परवेश
जय जय देव गणेश
रिद्धि सिध्दि के तुम हो दाता,
सकल श्रिस्ति के भाग्ये विद्याता,
नाम सुमिर ने से नित जाती सारे कलह कलेश
जय जय देव गणेश
दुष्ट दलन गजवदन विनायक,
कष्ट विनाशक मंगल दायक,
प्रथम तुम्हे सब शीश निभाते,
महिमा अति विशेष,
जय जय देव गणेश
सकल लोक के हो सुख करता,
भुधि विद्याता अम्बित तनया,
रणत भवर से आओ गजानंद,
सब के कष्ट हरो,
जय जय देव गणेश