मेरे घर आये है मेरे गणराजा,
खुशिया अपार लाये मेरे गणराजा.
मेरे घर देवा है आये बड़ी खुशियां ले के आये,
देवा का रूप है दिवये ग़ज़ानन इसकी कथा है निराली,
गोरी सूत पहचाने न शिव जी छिड़ गया युग बाहरी,
शिव के तिरशूल से कटा शीश पुत्र का,
देवी का प्रकोप बड़ा देखा शीश पुत्र का,
श्री नारायण जी आये शीश हाथी का है लगाये,
मेरे घर आये गणराजा...
मुशा पे बैठे आये गणराजा देवा है मंगल मूर्ति ,
सच्चे मन से पूजे इन्हे जो कामना करे सब कोटि,
मंगल करता है देवा दुःख हरता है
रिद्धि सीधी निधयां भी देवा सुख करता है,
जय हो देवा की जय जय हो
मेरे घर आये गणराजा