सावरियां तेरी बांसुरी मेरे दिल में समा गई,
मेरे प्यारे तेरी बांसुरी मेरे दिल में समा गई,
सच तू बात दे कान्हा कहा तने सीखे,
तान सुरली आ की धुन बड़ी मीठी,
सब गोपी फिर ढूंढ़ती क्या जादू चला गई,
सावरियां तेरी बांसुरी मेरे दिल में समा गई,
हो ब्रिज ये अधूरा लागे बिना तेरे सँवारे,
सुन ने को तरसे मुरली नैन हुए वनवारे,
रहे आये न कोई राह नजर सुध बुध बुला गई,
सावरियां तेरी बांसुरी मेरे दिल में समा गई,
तीनो लोक किये वस में ऐसी छवि श्याम की,
बन ते दीवानी फिर राधा घनश्याम की,
मेरी लागि वर्मा लगन सही फिर काहे सत्ता गई,
सावरियां तेरी बांसुरी मेरे दिल में समा गई,