घर घर बजे बधाई आज यहाँ गोकुल में,
प्रगटे कुंवर कन्हाई आज यहाँ गोकुल में,
आज महा मंगल बाहों माहि,
आज दवार पे बजी शहनाई,
सखी नए नए मंगल गाऊ आज यहाँ गोकुल में,
घर घर बजे बधाई .....
हर पल उनका रूप निहारु,
देखत देखत येही विचारू,
सखी घर घर ढोल बजाओ आज यहाँ गोकुल में,
प्रगटे कुंवर कन्हाई आज यहाँ गोकुल में..
सो सो मन लड्डूआ बटवाए,
भर भर मोतियन थाल लुटाइए,
बाबा ना फुले साम्ये आज यहाँ गोकुल में,
प्रगटे कुंवर कन्हाई आज यहाँ गोकुल में,
तेरी सखी ने भी गाई विदाही,
जुग जुग जीवे तेरा लाल नही माई,
किरपा की मूरत आई आज यहाँ गोकुल में
प्रगटे कुंवर कन्हाई आज यहाँ गोकुल में,
नन्द के आनंद भियो जय कन्हिया लाल की