सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,
रोज घुटावे से ,
सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,
कच्ची कच्ची भांग मंगावे दूध और चीनी मिलावे,
पी के रेहवे टली फिर भी नहीं बतावे से,
सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,
सावन के मेले में भगतो के संग धूम मचावे,
पी के भंगियाँ आप साथ में सबे पिलावे से,
सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,
रात दिना पी के आवे तन पे भस्म रमावे,
करे ताण्डव करे सखी दुनिया गबरावे से ,
सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,
भोला मने सतावे रूठ के पर्वत यो चढ़ जावे,
विक्रम दीपा इसे मनावे को न माने ये,
सखी ऋ मेरो बिगड़ गयो भरतार,
भांग मोसे रोज़ घुटावे से ,