तू रानी राजघराने की

तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की,
जट्टा जट्ट हर हर हर शंभू,
महादेव हर हर हर शंभू॥

तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की।

तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की,
में भसम में लेने अघोरी हूं,
जिद्द छोड़ हिमालय आने की,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की…..

तेरी कोमल देह है फूलो सी,
मैं कांटो पर विश्राम करु,
तू करे सिंगर मेरी गोरा,
मैं तन पर अपने भसम राममु,
मेरा बिच हिमालय डेरा है,
मेरा बिच हिमालय डेरा है,
हर ओर से बर्फ़ ने घेरा है,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की…..

ओह भोले हम तो लुट गए तेरे प्यार में,
तेरे ही प्यार में तेरे इंतजार में....-2
मेरे गले में लिपटा भुजंगा है
सर पर तेरी सोतन गंगा है
कोई कुंवर धुंध जा बेठ महल
तेरा मेरा साथ ना चंगा है,
मैं शमसानों का वासी हूं,
मैं शमसानों का वासी हूं,
संग भुत प्रेत सन्यासी हूँ,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की…..
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