मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल लागे प्यारो गणो,
मीठी मीठी भजनो से सुबह उठाऊ,
शीतल जल से उसे नेहलाऊ,
धोती पहनाओ रेशम की लाल,
लागे प्यारो गणो,
मोटी मोटी आखियो पे काजल लगाउ,
छोटे छोटे हाथो में कंगन पहनाऊ,
तेरा खूब करू शृंगार,
लागे प्यारो गणो,
माखन मिश्री की खीर बना के,
काजू मेवा से उसको सजा के,
तेरा भोग करू त्यार लागे प्यारो घणो,
सिर पर मोर पंख लहराए,
गुजरी देख देख कर हरषाये,
वो भजाये बंसी कमाल,
लागे प्यारो गणो,
दामिनी लोरी लड्डू को सुनाये,
परमिंदर पलने में जुलाये,
सोजा सोजा मेरे गोपाल लागे प्यारो घणो,