मेरे बनवारी दूर करो दुख मेरा
सुना है जो तेरे दर पे आया कष्ट हरे बनवारी
जनम जनम से मैं भटका हु
बिच भवर में मैं अटका हु
डगमग डोले जीवन नैया
पार को गिरधारी..........
देख देख दुनिया की हालत मन मेरा घबराया
आजा आजा अब तो आजा
मनमोहन गिरधारी.........
आस तुम्ही विश्वास तुम्ही
मेरा तु ही इक सहारा
देखी तेरी दुनिया हमने
मेरा नही गुजारा...........