मेरे कान्हा ले आई तेरी राधा
तू फिर से बजा बांसुरी राधा नाचेगी मुरली बाजेगी
मेरे कान्हा...........
सांवरा रे मैंने तुझे दिल से चाहा
इसलिए तेरा नाम मुझसे है साझा
प्री साँची है हाँ रे मेरे कान्हा
फिर से बजा बांसुरी राधा नाचेगी मुरली बाजेगी
जमुना किनारे कान्हा जब हम मिलते
फूलों के जैसे दिल अपने खिलते
प्रेम अपना ये दुनिया ने जाना
मिलते रहे हर जनम मेरे कान्हा रे मेरे सांवरा रे
भाव से तर गए जिसने भी माना
भगतों पे मेहर करो मेरे कान्हा रे मेरे सांवरा रे
मेरे सांवरा रे मेरे कान्हा रे ..................