पत्थरों को कर लो करेजा सुनियो अंतर्ध्यान
बिटिया जात अबे लो को के पेटे नहीं समानी
कातके करो बिरानी रे कातके करो विरानी रे
कर दयपीरे हाथ लाड़ली हो गई श्यानी रे
मंडप कलश अंगन में शो है
बंदनवार हरि रे
ओई मंडप तरे गाठजोड़ के हाथ करें है पीरै
बहै नैनन से पानी रे कर दय पीरे हाथ लाड़ली हो गई स्यानी
कात के करो विरानी रे करदयपीरे हाथ लाङली होगई स्यानीरे
हतोजीते आनंद उधर खा चली है करके सुनो
छोड़ चली ममता को आंचल दे गई है दुख दूनो
सनातन रीत पुरानी रे कर दे पीरे हाथ लाड़ली हो गई स्यानी रे
कात के करो बिरानी रे कर दयपीरे हाथ लाड़ली हो गई श्यानीरै
हे ईश्वर दुनिया में अभागन एक बिटिया एक गइया
परदेसी ले जावे चाहे या ले जाए कसैया
कहे ना मुख से बानी रे कर दयपीरे हाथ लाड़ली हो गई स्यानीरे
कातके करो बिरानी रे............
संग की सखियां रोवत रह गई सब ने आशा छोड़ी
बाप मताई देत अशीशे अमर रहे जा जोड़ी
भजन कवि करुण कहानी करदयपीरे हाथ
लाङली होगई स्यानी रे कातके करो विरानी रै............