लेके फिर अवतार कन्हैया कलयुग में आ जाओ
पाप से धरती हो गई विचलित धरा का बोझ मिटाओ
झूठ कपट ने पग पग पर है डाला अपना डेरा
लालच लोभ ने मचा दिया है दुनिया में अँधेरा
ज्ञान की फिर से ज्योत जलाओ अंधकार दुनिया से मिटाओ
हे परमेश्वर हे सर्वेश्वर गीत फिर से सुनाओ
पाप से धरती हो गई विचलित धरा का बोझ मिटाओ
जब जब धरती रोइ तड़प कर तुम तो रुक ना पाए
तुम त्रेता में तुम द्वापर में हर युग में तुम आये
अभिमानी रावण को मारा कंस को था तूने संहारा
भक्तों की खातिर तुम ही पर्वत को नख पे उठाओ
पाप से धरती हो गई विचलित धरा का बोझ मिटाओ
ना जाने कोई दया धरम यहाँ ना जाने कोई श्रद्धा
अपने स्वार्थ की खातिर देखो सच पे दाल दे पर्दा
लेके सुदर्शन फिर तुम आओ सत्य का रास्ता तुम दिखलाओ
नीलकांत तेरा हार ना जाए उसको विजय दिलाओ
पाप से धरती हो गई विचलित धरा का बोझ मिटाओ