श्यामसुंदर मेरे दिल में बस गयो रे,
इनके नैनो के जादू में फस गयो रे.....
नैनों में इनके गजब का है जादू,
दिल पर मेरे अब नहीं कोई काबू,
रूप कान्हा को, रूप कान्हा को,
मन मेरे जच गयो रे,
इनके नैनो के जादू में फस गए रे......
जब जब यह प्यारी मुरलिया बजावे,
प्रेम से मिलने को चक्कर लगावे,
प्रेम को तो हां प्रेम को तो,
शिकंजा ये कस गयो रे,
इनके नैनो के जादू में फस गए हो रे......
रंग यह कन्हैया अब छूटे कभी ना,
रिश्ता यह गिरधर अब टूटे कभी ना,
मन मेरा चरणों में अब रंग गयो रे,
इनके नैनो के जादू में फस गया रे......