ओ खाटू वाले बाबा मेरी लाज रखो

              ॥ जय श्री श्याम ॥

   ओ खाटू वाले बाबा ओ लीले वाले बाबा ।
   तुमसा न दयालु कोई इस जग में मेरे बाबा ।
   दयालु श्याम, मेरी लाज रखो, दयानिधि श्याम, मेरी लाज रखो ।

1) करता रहू गुणगान तेरा निशदिन बाबा मन से ।
   जपता रहू तेरा नाम मै तो बाबा तन और मन से ।
   आंधी आये या बरखा दरबार बुलाते रहना ।
   अपनी भगति में श्यामा तुम मुझको लगाके रखना ।
   दयालु श्याम मेरी...

2) जग के माया जाल से तुम मुझको बचाके रखना ।
   अपना आशीर्वाद हर पल मेरे साथ भी रखना ।
   गर साथ तेरा मिल जाये फिर कुछ न मुझको चाहे ।
   बस आरजू ये मन की कुछ और न दिल फिर चाहे  ।
   दयालु श्याम मेरी...

3) सच्चे भगतो के मन से विश्वास कभी न टूटे ।
   जब तक सांस है तन में  दरबार कभी न छुटे ।
   नामुमकिन को भी मुमकिन मेरे श्याम किया करते है ।
   ‘आलोक’ कहता है भगतो ये साथ दिया करते है ।
   दयालु श्याम मेरी...

॥ जय श्री श्याम ॥

(तर्ज) : सूरज कब दूर गगन से........

भजन लेखक एवं भजन गायक :   आलोक जोशी (सूरजगढ़ -राजस्थान )
फ़ोन नंबर :-                            8467018418   &  9599592340
निवास  स्थान :  फरीदाबाद ।


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