प्रबु प्रेम बनिए रखना चरणों से लगाये रखना॥
इक आस तुम्हारी है, विशवाश बनाये रखना॥
निर्बल के बल हो तुम हारे के साथी,
हर दीपक मे तेरी ही बाती,
तेरा उजाला है रोशन जग सारा है,
प्रबु प्रेम बनिए रखना चरणों से लगाये रखना
प्रबु प्रेम बनिए रखना .......
प्रेम का भूखा सारा जहा है,
तुज बिन सांचा प्रेम कहा है,
तू प्रेम कथाकुर है तू प्रेम पुराजी है॥
जितना तू लुटा रहा तेरी दात्री है
प्रबु प्रेम बनिए रखना .......
चरण शरण में मुजको निबाना ॥
प्रभु बस अपना तुमको ही माना
शक्ति का दाता तू भगती का दाता तू,॥
राजू इतना मने मेरा भाग्यबिदाता तू
प्रबु प्रेम बनिए रखना .......