झीणी उङ रे गुलाल

झीणी- झीणी उङ रे गुलाल,जाम्भेजी रा मेला मे,
तिर्थ तालवे थारी बणी समाधी,
धोक लगावे जारे मिट जावे व्याधी,
मंदिर बण्यो मुकाम लोग आवे दर्शण ने

ऊचो समराथल बणियो देवरो,
चाव घणो सब ने दर्शण रो,
ध्वजा फंरु के आसमान जाम्भेजी रे मंदिर पर

दूर देशा रा आवे यात्री,
पूजा लावे भाँत-भाँत री,
धोक लगावे नर-नार जाम्भेजी रे मंदिर मे

घृत गूगल सुं जोत जगावे,
साखी आरती हरजस गावे,
शब्दा री झणकार गुरूजी रा मेला मे

सदानन्द थारो यस गावे
निश दिन थारो ध्यान लगावे
करियो भव सु पार आयो थारे शरणां मे

रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M. 9460282429

श्रेणी
download bhajan lyrics (867 downloads)