सोच समझ के चाल

सोच समझ कै चाल गलती मैं बणी सो बणी,

चोरी जारी और बदमाशी की कहीं नहीं टकसाल,
बिना पढ़ाया आपै पढ़गा ऐसे कर्म चण्डाल,
बदी की पट्टी थी जितणी,

कान पकड़ कै आगै कर ले एक दिन तुझको काल,
मात पिता बंधू सुत धारा जब कोण अड़ा लेगा ढ़ाल,
अकेली जागी ज्यान अपणी,

धर्मराज तेरे कर्मां की एक दिन करै सम्भाल,
चिमटे लाल करा कै खिंचवा देगा खाल,
जिगर मैं चालैं सैलां की ऐणी,

बालकपण मैं भूल गया दुनिया दारी के खयाल,
काट्या जा तै काट मेहर सिंह मोह ममता का जाल,
गीता तै गाली बहुत घणी।

Sandeep स्वामी
Alwar(Raj)

श्रेणी
download bhajan lyrics (1035 downloads)