मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की
राम का नाम ना तूने लिया श्याम का नाम ना तूने लिया
तो ये काया किस काम की
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की।
दो दिन का ये जीवन अपना इस पर क्यों इतराता है
कदम कदम पर ठोकर खाता चैन नहीं पता है
सुबह हुई तो शुक्र प्रभु का खबर नहीं है शाम की
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की।
कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी सभी यहीं रह जायेगी
नाम की दौलत है प्यारे संग तेरे जो जायेगी
लूटना चाहे लूट लो जितना लुटती है बिन दाम की
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की।
राम का नाम ना तूने लिया श्याम का नाम ना तूने लिया
तो ये काया किस काम की
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की।