हमरी भव सागर से नैया

हमरी भव सागर से नैया पार करिदे तू नाइ,
बिगड़ी जन्म जन्म के खवइयाँ,
ज्ञान बताई दे इतना,
हमरी भव सागर से नैया ...

मोह जाल में फस कर भगवन बीती जाए उमरियाँ,
आतम ज्ञान बिना सब सूना सूजे नाही डगरियाँ,
हमरी भव सागर से नैया पार करिदे तू नाइ,

झूठे रिश्ते झूठे नाते किस का कौन यहाँ है
भटक रहा है मैं दर दर प्रभु जी लेवे कौन खबारियाँ,
हमरी भव सागर से नैया पार करिदे तू नाइ,

बीच भवर में दुभत नाइयाँ अब तो आस तुम्हरी,
दीन दुखी निर्बल शरणागत किरपा करो हे मुरारी,
हमरी भव सागर से नैया पार करिदे तू नाइ,
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