हुकुम फरमाओ सांवरिया खड़ा हूँ सामने तेरे
ज़रा बतलाओ सांवरिया खड़ा हूँ सामने तेरे
मेरे हर मर्ज़ की बाबा दवा तुम हो दवा तुम हो
ये रोगी वैध बिन तड़पे कहाँ तुम हो कहाँ तुम हो
मरहम बन जाओ सांवरिया खड़ा हूँ सामने तेरे
हुकुम फरमाओ सांवरिया ...........
दिखाऊं क्या दशा मेरी बताऊँ क्या मेरी बातें
ये दिन गुज़रे उम्मीदों में तड़प कर बीती हैं रातें
कि धीर बंधाओ सांवरिया खड़ा हूँ सामने तेरे
हुकुम फरमाओ सांवरिया ...........
भटकता क्यों फिरूं दर दर डगर तेरी तरफ अब कर
दयालु हो दया कि तुम दया कि तुम नज़र मुझ पर करो गिरधर
के हाथ बढ़ाओ सांवरिया है गोलू सामने तेरे
हुकुम फरमाओ सांवरिया .........