प्रभु जी सबके सिरजन हार

प्रभु जी सबके सिरजन हार
तेरे बिना अब कोई नही है,जग का पालन हार

जग की प्रीती अज़ब निराली,जाने जानन हार
बिन मतलब ना मुख से बोले,मतलब की मनवार

सुख मे सब कोई संगी साथी,कुटुम्ब सखा परिवार
भीङ पङे जब मुखङा मोङे,स्वार्थ का संसार

ना जानू कोई भक्ती पूजा,मै हूँ मुरख गंवार
जैसो तेसो हूँ मै स्वामी,मुझ पर दया विचार

तुम ही सागर तुम ही किनारा,तुम ही हो पतवार
तुम ही नैया तुम ही खवैया,तुम हो खेवण हार

सुख ओर दुःख मे तुम ही सहारा,तुम ही प्राणाधार
सदानन्द की यही भावना,सुखी रहे संसार

रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M.9460282429

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