मैं हरि पतित पावन सुने

मैं हरि पतित पावन सुने
मैं पतित, तुम पतित-पावन, दोउ बानक बने

ब्याध गनिका गज अजामिल, साखि निगमनि भने
और अधम अनेक तारे, जात कापै गने

जानि नाम अजानि लीन्हें, नरक जमपुर मने
दास तुलसी सरन आयो, राखिये अपने

श्रेणी
download bhajan lyrics (1310 downloads)