तर्ज़-देश रंगीला
जहाँ के कण कण मे बसता है श्याम रंग,
जहाँ हर कदम कदम पे चलता श्याम संग,
जहाँ चारों तरफ ख़ुशहाली है,
जहाँ शामें रोज़ दीवाली है,
वहाँ पे बैठा सज धज,
कर के ठाकुर सजीला,
श्याम रंगीला रंगीला श्याम मेरा रंगीला....
श्याम के दर को छुके हवाएँ,
खुश्बू जहाँ में घोलती,
पत्ता पत्ता डाली डाली,
श्याम श्याम ही बोलती,
श्याम की धुन मे चारों तरफ है,
आलम सुरीला,
श्याम रंगीला रंगीला श्याम मेरा रंगीला....
श्याम नाम के जयकारों से,
चारों दिशाएं गूँजती,
हाथों में ले रंग केसरिया,
भक्तों की टोली झूमती,
श्याम लगन में मस्त मगन,
हर प्रेमी छबीला,
श्याम रंगीला रंगीला श्याम मेरा रंगीला....
चेहरे की रौनक, लब की ख़ुशी और
मन की तरंग है साँवरा,
"रजनी" सजी जिन रंगों से दुनिया,
हर वो रंग है साँवरा,
श्याम सुधा रस पीकर "सोनू"
हो जा रसीला,
श्याम रंगीला रंगीला श्याम मेरा रंगीला....