चल चल रे कावड़ियाँ भर भर के गगरियाँ

चल चल रे कावड़ियाँ भर भर के गगरियाँ,
बाबा रत्नेश्वर के धाम,
गंगा जल से नेहलायेगे बन जायेगे बिगड़े काम,
बोलो बम बम लेहरी बम बम शिव लेहरी,

कल गंगा का निर्मल पानी कल कल बहती धारा
निकली याहा से पवन गंगा सूंदर धाम मुनारा,
तन मन सब का निर्मल करती ऐसी विधि की शान ,
भर भर के गगरियाँ लाएंगे जायेगे गंगोरी धाम,
बोलो बम बम लेहरी बम बम शिव लेहरी,

रत्नेश्वर की महिमा निराली करे जगत उजियारा,
ज्ञान धान मुक्ति देते है हर लेते है दुःख सारा,
जगत गुरु स्वामी गुरुवार का है ये जन्म स्थान,
चरणों में सिर को झुकाये गे लेले भोले का नाम,
बोलो बम बम लेहरी बम बम शिव लेहरी,

सावन की रुत है मतवाली बरसे काले बदरा,
प्रभु दर्शन की आस लगी है धीर धरे न जरा,
चलो रघुवीर करो तयारी सुबह से हो गई शाम,
बोलो बम बम लेहरी बम बम शिव लेहरी,
श्रेणी
download bhajan lyrics (659 downloads)