धन धन भोलेनाथ बांट दिए तीन लोक तूने पल भर में,
ऐसे दीनदयाल मेरे शंभू भरो खजाना पल भर में,
धन धन भोलेनाथ बांट दिए.....
प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया बने वेद के अधिकारी,
विष्णु को दिया चक्र सुदर्शन लक्ष्मी सी सुंदर नारी,
इंद्र को दिया कामधेनु और ऐरावत सा बलकारी,
कुबेर को कर दिया आपने सारी संपत्ति का अधिकारी,
अपने पास पात्र नहीं रखा मगन रहे बाघाम्बर में,
ऐसे दीनदयाल मेरे शंभू.....
अमृत तो देवों को दे दिया आप हलाहल पान किया.
भागीरथ को दे दी गंगा सब जग ने स्नान किया,
बड़े-बड़े पापियों को तारा पल भर में कल्याण किया,
आप नशे में मस्त रहो और पियो भांग नित खप्पर ने,
ऐसे दीन दयालु मेरे शंभू.....
लंका तो रावण को दे दी बीस भुजा दस शीश दिए,
रामचंद्र को धनुष बाण और हनुमत को जगदीश दिए,
मनमोहन को दे दी मुरलिया और मुकुट बख्शीश दिए,
आप नशे में मस्त रहो और पियो भांग नित खप्पर में,
ऐसे दीन दयालु मेरे शंभू.....
वीणा तो नारद को दे दी हरि भजन को राग दिया,
जिस पर तुमरी कृपा हुई है उसी को अनग्न राग दिया,
जिसने ध्याया उसी ने पाया महादेव तेरे वर में,
आप नशे में मस्त रहो और पियो भांग नित खप्पर में,
ऐसे दीन दयालु मेरे शंभू.....