बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट,
थारे धाम को बन जाऊ मैं सांवरियां सर्वेंट,
बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट
माखन मिश्री और बट्टर को नित नित भोग लगाऊ गा,
शरधा से तेरे फूल चडा के खूब लगाऊ सेंट
बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट
दूर दूर का श्याम भगत से द्वार पे मीटिंग हो जा सी ,
सब के हिरदये की अभिलाषा थे ही सुनो अर्जेंट,
बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट
भगता की रिक्वेस्ट ने बाबा कदे नही थे टाला हु,
म्हारी भी अर्जी ने बाबा कर लियो असपेट,
बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट
अब तक जो भी मंगेया बाबा दे ही दिया हर बार,
सारो जग झूठो श्याम सची सरकार
जय हो जय लखदातार जब तक आवे सांस