वे आजा कान्हा खेडीये लुकन मचाइयाँ

आज मेरियाँ सखियाँ आइया सबने ने आसा लगाइयाँ,
वे कर के पूगण पुगाइयाँ वे आजा कान्हा खेडीये लुकन मचाइयाँ,

सूरज भी देख ले छिपन वाला हो गया,
मौसम भी देख ले सुहाना जेहा हो गया,
आइया कर सब तयारी लगे इक तो इक प्यारी,
अइया कर के सब तयारी लगे इक तो इक प्यारी,
तेरी दीद दिन रहईया,
वे आजा कान्हा खेडीये लुकन मचाइयाँ,

तेरे मुहरे लुकना वि किसे दी मझाल की,
तू कीह्नु लबना है तेरा ही कमाल जी,
फे तू ऐसी कला दिखानी हर कोई खींची चली ऍह ओनी,
होये एसिया कुंडियां पाइया,
वे आजा कान्हा खेडीये लुकन मचाइयाँ,

मुरली बजा के कोई छेड़ा ऐसा राग वे,
सुरमे सा बन हो जाये सारी कायनात वे,
दिल भाग वि होये दीवाना तेरा जीवे भगत सुदामा,
हूँ सब ते मस्तिया छाइयाँ,
वे आजा कान्हा खेडीये लुकन मचाइयाँ,
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