कान्हा मोहे रंग लगादे तोपे बली बली जाऊँ
ऐसी रंग दे अपने रंग में तेरे रंग रंग जाऊँ
ऐसी होरी तोहे खिलाऊँ दूध छठी को याद दिलाऊँ
सुन ले साँवरे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
होरी का बना फिर खिलाड़ी देखूँ तेरी होरी
इतनी मार लगाऊँ तोहे कसके पोरी पोरी
तोमे ऐसा लट्ठ बजाऊँ तेरी होरी मैं छुडवाऊँ
बड़ा तोहे चाव रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
छीन लऊँ मुरली पीतांबर कटि लहँगा पहनाऊँ
नैनन सुरमा होठन लाली चुनरी शीश उढ़ाऊँ
तोकू सुन्दर नार बनाऊँ तोहे यशोदा निकट नचाऊँ
जो लग जाए दाव रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
यशोदा ने कैसे जाया होगा गारी दे बृज नारी
होरी का तोहे मजा चखा दे याद करे महतारी
कान खोल के सुन दारीके अइयो अइयो मतवारी के
दिखा मत ताव रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
पाँच सात ग्वालों को लेके करता फिर बरजोरी
गली गली में शोर मचावे राधा गौरी गौरी
अब तक तूने की मनमानी अबके याद करेगा नानी
मचे जब फ़ाग रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
परम मनोहर जग से न्यारी राधे श्याम की जोड़ी
कहे रविंदर चल बरसाने वहाँ मची आज होरी
श्यामा श्याम को रंग लगावे छवि निरख निरख हम सुख पावें
हो मन का ख़्वाब रे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे
ऐसी होरी तोहे खिलाऊँ दूध छठी को याद दिलाऊँ
सुन ले साँवरे
होरी खेले तो अइयो मोरे गाँव रे