स्वर्ग है उतरा धरती पर इक बार देख लो,
त्रिपुर मालनी मैया का दरबार देख लो,
शक्ति पीठ देवी तालाब का जग में बड़ा ही नाम है,
सती का सत ऋंगी राजा तिरिपुर मालिनी माँ धाम है
धन्य जालंधर की भूमि माँ तिरपुर माँ का इस पर उपकार देख लो,
झण्ड़ेयावली मैया का दरबार देखलो
दो स्वर्गो में कौन सा प्यारा करते देव विचार है,
माँ के द्वार की तीन लोक में होती जय जय कार है,
देव पूरी लगे देवो को बेकार देख लो,
त्रिपुर मालनी मैया का दरबार देख लो,
लाख ही सूंदर स्वर्ग होगा इसका कोई जवाब नहीं ,
खुले खजाने दया धर्म के होता को हिसाब नहीं,
छोटे बड़े का होता सत्कार देखलो
झण्ड़ेयावली मैया का दरबार देखलो
देव लोक को लगा के ताले द्वार देवता आये है,
राज प्रेम सेवादारों में अपने नाम लिखाये है,
सेवा को तरसे सारा संसार देखलो,
त्रिपुर मालनी मैया का दरबार देख लो,