एक दो तीन चार, श्याम धणी की जय जयकार ।
खाटू की कर लो तैयारी, बुला रहा है लखदातार ।
आया बाबा का हेला , है श्याम धणी का मेला ,
फागण महीना अलबेला रे ।
खाटू में श्याम रंगीला , सोणा सोणा सजीला ,
है न्यारी इसकी लीला रे ।
सब पे है रखता ये अपनी नजरिया...
फागण को मेलो आय गयो रे चालो खाटू नगरिया ।
श्याम के जैसा देव ना दूजा , घर घर होती इसकी पूजा ,
सोच रहा क्या दूर खड़ा तू , शरण श्याम के तू भी आजा ।
दरबार खाटू में बैठा लगा के , जो चाहे मांग ले तू यहां आके ।
झोली भरे सबकी मेरा सांवरिया ...
फागण को मेलो आय गयो रे चालो खाटू नगरिया ।
फागण मेला अलबेला है , आया बाबा का हेला है ,
तैयारी कर लो खाटू की , ये श्याम धणी का मेला है ।
आया बुलावा तू चूक ना जाना , इस बार तुझको भी खाटू है आना ।
हांथो में लेके निशान केसरिया ....
फागण को मेलो आय गयो रे चालो खाटू नगरिया ।
श्याम कुंड में लगा ले डुबकी , कह दे बातें तू तेरे मन की ,
श्याम है मेरा अन्तर्यामी , दिल की बातें जाने सबकी ।
सेठों का सेठ मेरा श्याम खाटूवाला , हारे का साथी ये देव निराला ,
सौरभ मधुकर कहे बीच बजरिया ...
फागण को मेलो आय गयो रे चालो खाटू नगरिया ।
आया बाबा का हेला , है श्याम धणी का मेला ,
फागण महीना अलबेला रे ।
खाटू में श्याम रंगीला , सोणा सोणा सजीला ,
है न्यारी इसकी लीला रे
सब पे है रखता ये अपनी नजरिया...
फागण को मेलो आय गयो रे चालो खाटू नगरिया ।
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता - मधुकर