जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं
दिल है तो दिल में क्या है, कैसे तुम्हे बताऊँ
मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेनेयाज़ गम से
तुझे अपने दर्दे दिल की क्या दासता सुनाऊं
नहीं अब रहा भरोसा मदहोश जिंदगी का
तेरी याद के नशे में कहीं राह में गिर ना जाऊं
मेरे दिल की बेबसी में अरमान थक गएँ हैं
तेरी राह पे नज़र है अब और चल ना पाऊं
मुझे याद तुम हो लेकिन, मुझे याद भी है अपनी
कभी यूँ भी याद आओ, के मैं खुद को भूल जाऊं