कदी साड़ी गली वी आ वे बंसरी वालड़या,
साडे घर वी फेरा पा वे बंसरी वालड़या,
रोज मैं तेरे मंदिर आवा,
रोज मैं तैनू याद करावा ,
तू देनदा है रोज भूला वे बंसरी वालड़या,
कदी साड़ी.......
अर्जुन वांगू कोल बैठाके ,
वांग सुदामा गल नाल लाके,
कुछ सुन ते अपनी सुना वे बंसरी वालड़या,
कदी साड़ी.......
प्यार तेरे दी भूख वे श्यामा ,
दे दर्शन दा सुख वे श्यामा,
कदी साड़ी वी आस भुजा वे बंसरी वालड़या,
कदी साड़ी......